12 फरवरी 2023 को उत्तरी आयरलैंड की क्रुमलिन नदी में एक बड़े प्रदूषण कांड के कारण लगभग 6 किमी क्षेत्र में 3,500 मछलियों की मौत हो गई। इसके बावजूद, उत्तरी आयरलैंड पर्यावरण एजेंसी (NIEA) ने इस मामले में अभियोजन न चलाने का फैसला किया है। इस निर्णय को स्थानीय मछली पकड़ने वाले समुदाय ने “निराशाजनक” बताया है।
पिछले सालों में कई प्रदूषण घटनाएँ
NIEA ने बताया कि 2019 से 2023 के बीच क्रुमलिन नदी में 40 प्रदूषण की घटनाएँ हुईं। इनमें से 34 को “कम गंभीरता” के रूप में वर्गीकृत किया गया, जहाँ कानूनी कार्रवाई को अनुपयुक्त समझा गया। बाकी 6 मामलों में कार्रवाई की जा रही है या की गई है।
पर्यावरण को भारी नुकसान
क्रुमलिन और डिस्ट्रिक्ट एंगलिंग एसोसिएशन के डेविड कैनेडी ने कहा कि रिपोर्टिंग प्रणाली में खामियाँ हैं।
- “2019 से 2023 के बीच उत्तरी आयरलैंड में हुई बड़ी मछली मौत की घटनाओं में से 49 में से 32 में कोई कार्रवाई नहीं हुई,” उन्होंने कहा।
- “हमारे नदी के प्रबंधनकर्ता होने के बावजूद, हमें हुए नुकसान के लिए कोई मुआवजा नहीं मिला है।”
- “इस प्रदूषण ने न केवल मछलियों को मारा, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र और आवास को भी नुकसान पहुँचाया है।”
लॉफ नेघ को भी खतरा
कैनेडी ने बताया कि इस प्रदूषण का असर अंततः लॉफ नेघ पर भी पड़ेगा, जहाँ यह प्रदूषित पानी पहुँचता है।
उन्होंने कहा, “जब तक सख्त कदम नहीं उठाए जाते, प्रदूषक इसी तरह बिना किसी डर के प्रदूषण करते रहेंगे।”
पर्यावरण मंत्री ने लिया एक्शन
इस मामले में कार्रवाई न होने की वजह बताते हुए NIEA ने कहा कि “प्रदूषण के स्रोत के बारे में पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाए, जिससे अभियोजन के लिए मामला आगे बढ़ाया जा सके।”
हालांकि, NIEA ने यह भी बताया कि लॉफ नेघ के लिए अतिरिक्त धनराशि प्रदान की गई है। इससे कैचमेंट की जाँच, निरीक्षण, और प्रवर्तन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
इस सप्ताह, पर्यावरण मंत्री एंड्रयू मुइर ने तीन विशेषज्ञों को नियुक्त किया है। ये विशेषज्ञ पर्यावरणीय प्रशासन को मजबूत करने के लिए एक समीक्षा करेंगे। मुइर ने वादा किया है कि वह उत्तरी आयरलैंड की नदियों और जलमार्गों को लेकर बढ़ती सार्वजनिक चिंताओं को दूर करेंगे।
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव
- पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान
- मछलियों की मौत से क्रुमलिन नदी का जैविक संतुलन बिगड़ गया है।
- मछलियाँ खाद्य श्रृंखला का हिस्सा हैं; उनकी कमी से अन्य जलीय जीवों और पक्षियों पर भी प्रभाव पड़ेगा।
- मानव स्वास्थ्य पर असर
- प्रदूषित पानी से जलजनित बीमारियाँ जैसे डायरिया, त्वचा संक्रमण और अन्य संक्रमण फैल सकते हैं।
- आसपास के क्षेत्रों में पीने के पानी की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है।
- प्रदूषण का बड़ा खतरा
- लॉफ नेघ, जो एक प्रमुख जलस्रोत है, इस प्रदूषण से प्रभावित हो सकता है।
- यह न केवल पर्यावरण को, बल्कि कृषि, मत्स्य पालन और स्थानीय समुदायों की आजीविका को भी नुकसान पहुँचा सकता है।
क्या किया जाना चाहिए?
- कठोर कानून और सख्त प्रवर्तन: प्रदूषण करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा और जुर्माना सुनिश्चित किया जाए।
- जागरूकता बढ़ाना: उद्योगों और स्थानीय लोगों को प्रदूषण के परिणामों के बारे में शिक्षित किया जाए।
- पुनर्वास कार्यक्रम: मछलियों और पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए वैज्ञानिक प्रयास किए जाएँ।
- स्रोत की निगरानी: नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण और निगरानी की व्यवस्था हो।
यह घटना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि नदियों और अन्य जलस्रोतों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाना और पारिस्थितिकी तंत्र को प्राथमिकता देना कितना जरूरी है।