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2024: इतिहास का सबसे गर्म वर्ष, जलवायु परिवर्तन ने बढ़ाई चिंता

by kishanchaubey
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Climate change 2024 : 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष बनने जा रहा है, जो पिछले दशक में मानव गतिविधियों से उत्पन्न अभूतपूर्व गर्मी का चरम है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने 30 दिसंबर 2024 को यह घोषणा की।

“हमने घातक गर्मी का एक दशक झेला है। पिछले दस वर्षों में अब तक के दस सबसे गर्म साल दर्ज किए गए हैं, जिसमें 2024 भी शामिल है,” संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने नए साल के संदेश में कहा।

भारत में जलवायु परिवर्तन का असर

दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) और मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत में जलवायु परिवर्तन से प्रेरित चरम मौसम की घटनाएं पिछले दो वर्षों की तुलना में अधिक बार और गंभीर थीं।

ग्लोबल तापमान और जलवायु रिपोर्ट

WMO जनवरी 2025 में 2024 के लिए वैश्विक तापमान डेटा जारी करेगा और मार्च 2025 में “ग्लोबल क्लाइमेट स्टेटस रिपोर्ट 2024” प्रकाशित करेगा।

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चरम मौसम की घटनाएं

  • अत्यधिक बारिश और बाढ़:
    रिकॉर्डतोड़ बारिश ने कई क्षेत्रों में विनाशकारी बाढ़ ला दी, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए।
  • गर्मी की लहरें (हीटवेव्स):
    कुछ क्षेत्रों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया।
  • वनाग्नि:
    भीषण जंगलों में आग लगने से वन्यजीव, जैव विविधता और संपत्ति को भारी नुकसान हुआ।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

WMO की रिपोर्ट “जब जोखिम वास्तविकता बनते हैं: चरम मौसम” के अनुसार:

  • 2024 में जलवायु परिवर्तन के कारण 41 अतिरिक्त खतरनाक गर्मी वाले दिन दर्ज किए गए।
  • इन घटनाओं ने मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर जोखिम में डाला।
  • विश्व मौसम अनुसंधान (World Weather Attribution) के अनुसार, 2024 में विश्लेषण किए गए 29 प्रमुख मौसम घटनाओं में से 26 को जलवायु परिवर्तन ने और तीव्र बनाया।
  • इन घटनाओं में 3,700 से अधिक लोगों की जान गई और लाखों लोग विस्थापित हुए।

वैश्विक चेतावनी और अपील

WMO महासचिव सेलस्ट साउलो ने कहा:
“इस साल हमने रिकॉर्डतोड़ बारिश, बाढ़ और जीवन का भयानक नुकसान देखा। यह हर महाद्वीप पर दिल तोड़ने वाले दृश्य लेकर आया।”
उन्होंने जोर देकर कहा:
“हर डिग्री तापमान में मामूली वृद्धि भी जलवायु जोखिम और प्रभावों को बढ़ाती है। अब कार्रवाई करना आवश्यक है।”

आगे की राह

  1. जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए वैश्विक प्रयास:
    • ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करना।
    • अक्षय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना।
  2. स्थानीय उपाय:
    • जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए बेहतर बाढ़ प्रबंधन और आपदा तैयारी।
    • वनाग्नि रोकने के लिए जागरूकता अभियान।
  3. समुदाय की भागीदारी:
    • स्थानीय समुदायों को पर्यावरण संरक्षण में शामिल करना।
    • सतत विकास की दिशा में काम करना।

2024 ने हमें जलवायु परिवर्तन की गंभीरता का एहसास कराया है। अब जरूरी है कि हम सामूहिक रूप से कदम उठाएं, ताकि भविष्य में इस संकट को कम किया जा सके।

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