चामराजनगर: कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व में 20 बोनेट मैकाक बंदरों की संदिग्ध परिस्थितियों में ज़हर से मौत हो गई है। यह घटना चामराजनगर ज़िले के गुंडलुपेट तालुक में सामने आई, जहां इन बंदरों को बोरे में भरकर फेंका गया था। इनमें से दो बंदर जीवित पाए गए, जिन्हें वन अधिकारियों ने तत्काल उपचार के लिए गुंडलुपेट के सरकारी पशु चिकित्सालय भेजा।
इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खांद्रे ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बांदीपुर टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक और क्षेत्रीय निदेशक एस. प्रभाकरण को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं।
प्रभाकरण ने बीबीसी हिंदी से बातचीत में बताया, “पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और प्रारंभिक रिपोर्ट में ज़हर से मौत की पुष्टि हुई है। हालांकि, हम फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं ताकि सटीक निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह अपराध किसने किया, इसकी जांच अभी जारी है।यह घटना कर्नाटक में वन्यजीवों पर बढ़ते खतरों की एक और कड़ी है। हाल ही में, महादेश्वर हिल्स (एमएम हिल्स) वन्यजीव अभयारण्य में एक बाघिन और उसके चार शावकों की कीटनाशक से मौत हो गई थी।
इसके अलावा, वहां शिकारियों द्वारा एक तेंदुए का शिकार किए जाने की घटना भी सामने आई थी। वन मंत्री ने इन सभी मामलों की गहन जांच के आदेश दिए हैं।
बांदीपुर टाइगर रिजर्व, जो भारत के प्रमुख बाघ संरक्षण क्षेत्रों में से एक है, में इस तरह की घटनाएं वन्यजीव संरक्षण के लिए चिंता का विषय बन रही हैं। वन विभाग अब इस मामले में सख्त कार्रवाई और अपराधियों की पहचान के लिए तत्पर है। फोरेंसिक रिपोर्ट के आने के बाद इस मामले में और स्पष्टता आने की उम्मीद है।