मध्यप्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत का आंकड़ा 14 तक पहुंच गया है। इस मामले में प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए दवा लिखने वाले डॉक्टर और दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
जबलपुर के आईजी ने मामले की गहन जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और मृतक बच्चों के परिवारों को 4 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है।
मामले का विवरण
अब तक छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक में 11, छिंदवाड़ा शहर में 2 और चौराई में 1 बच्चे की मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा बैतूल जिले में भी एक बच्चे की मौत की खबर है, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
पहली बार 24 अगस्त 2025 को इस कफ सिरप से संदिग्ध मौत का मामला सामने आया था। 7 सितंबर को किडनी फेल होने से बच्चों की मौत की पुष्टि हुई, जिसके बाद यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान में आठ बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज जारी है।
कोल्ड्रिफ सिरप पर प्रतिबंध
कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट शनिवार सुबह आई। जांच में सैंपल अमान्य पाए गए, जिसके बाद पूरे मध्यप्रदेश में इस सिरप की बिक्री और आवाजाही पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया। प्रशासन ने इसकी सख्त निगरानी के निर्देश भी जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री का दौरा और मुआवजा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने मृतक बच्चों के परिजनों को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। साथ ही, इस मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
SIT जांच और आगे की कार्रवाई
जबलपुर के पुलिस महानिरीक्षक ने मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। SIT को इस मामले की तह तक जाने और दोषियों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रशासन ने दवा निर्माता कंपनी और अन्य संभावित लापरवाहियों की जांच तेज कर दी है। यह मामला मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और दवा वितरण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठा रहा है। सरकार ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का भरोसा दिलाया है।
