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दिल्ली- NCR में वायु प्रदूषण मामले में Supreme Court ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को लगाई फटकार

by kishanchaubey
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Delhi Air Pollution : दिल्ली- NCR में वायु प्रदूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर गहरी नाराज़गी जताई है और कहा है कि तीन साल से CAQM अपने ही फैसलों को लागू क्यों नहीं करा रहा है. जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा है. सिर्फ मीटिंग और चर्चा के अलावा कुछ नहीं हो रहा. हमें केंद्र और राज्यों के बीच राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. पराली जलाने और उल्लंघन करने वालों पर मामूली जुर्माना क्यों है? ऐसे लोगों पर दंड प्रावधान क्यों नहीं है? कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही केंद्र से बताने के लिए कहा है कि आयोग में एनजीओ के पद क्यों खाली हैं. हम इस क्षेत्र के विशेषज्ञ लोगों को नियुक्त करने का फैसला कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने CAQM से अपने आदेश लागू करने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है

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CAQM ने बताया कि किसानों के लिए फसल प्रबंधन उपकरण खरीदने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में पंजाब के लिए 150 करोड़ और हरियाणा के लिए 75 करोड़ जारी किए गए हैं. इसके अलावा आयोग ने अपनी स्थापना के बाद से समय-समय पर विभिन्न आदेशों, दिशा-निर्देशों और आधिकारिक संचारों के अलावा 83 वैधानिक निर्देश, 15 परामर्श जारी किए हैं. साथ ही अलग अलग जगहों पर नियमों का उल्लंघन करने वाली 1,099 इकाइयों को बंद करने के निर्देश दिया गया है. इसके अलावा इस साल क्षेत्रीय समीक्षा बैठकें आयोजित की गईं. जिसमें पूर्ण आयोग, उप समितियों की कई बैठकें शामिल हैं. CAQM की तरफ से कहा गया कि धान की पराली जलाने से निपटने के लिए जून 2021 में मार्गदर्शक ढांचा बनाया गया. साथ ही विस्तृत और निगरानी योग्य राज्य विशिष्ट कार्य योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

इसके अलावा फसल विविधीकरण, बासमती और कम भूसा वाला धान, यथास्थान फसल अवशेष प्रबंधन को बढ़ावा दिया जा रहा है. साथ ही व्यक्तिगत किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी की खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है और कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी), सहकारी समितियों, एफपीओ आदि को ऐसी मशीनों की खरीद के लिए 80 सब्सिडी पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, ताकि जरूरतमंद किसानों को आगे किराए पर दिया जा सके.

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