नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर, 2024 को राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI) को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के साथ मिलकर गैर-प्रदूषणकारी उद्योगों को परिभाषित और वर्गीकृत करने का निर्देश दिया है। यह फैसला जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने लिया, जिन्होंने इस काम की महत्वपूर्णता पर जोर दिया।
खंडपीठ ने NEERI को सभी संबंधित पक्षों के साथ बैठकें करने का निर्देश दिया, ताकि यह काम तेजी से और सही तरीके से हो सके। कोर्ट ने NEERI को 3 अक्टूबर, 2024 तक एक प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है, जिसमें इस काम की अंतिम समय सीमा भी तय की जाएगी।

आगरा हवाई अड्डा और ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन पर सुप्रीम कोर्ट की नजर
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सशक्तीकरण समिति (CEC) को आगरा हवाई अड्डे पर नए नागरिक टर्मिनल के विकास के प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। यह देखने के लिए कि इस परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई को कैसे कम किया जा सकता है, CEC को 14 अक्टूबर, 2024 तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक उत्तर प्रदेश सरकार पर्याप्त मात्रा में प्रतिपूरक वनीकरण नहीं करती, तब तक ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन में पेड़ों की कटाई की अनुमति नहीं दी जाएगी।
परियोजना पर पुनर्विचार जरूरी
जस्टिस ओक ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने 3,874 पेड़ों की कटाई की अनुमति मांगी थी, जबकि CEC की रिपोर्ट में सिर्फ 2,818 पेड़ों की जरूरत बताई गई थी। न्यायालय ने जोर देकर कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए परियोजना की योजना का पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को
इस मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर, 2024 को होगी, जहां NEERI और CEC की रिपोर्टों पर विचार किया जाएगा।